Thursday, June 4, 2015

इंटरनेट एक अभिशाप एक नशा

भारतीय युवा आज स्वयं को किसी फ़िल्म स्टार से काम नहीं समझता और जीवन पर्यन्त खुशामती  ही पसंद करता है क्युकि उसे बचपन से ही ये सिखाया गया है, तुम ही श्रेष्ट हो और ऊपर से ये नेट।   अंग्रेजी की एक पत्रिका के मुताबिक आज का युवा वर्ग अपना अधिकतर समय इंटरनेट की सोशल नेटवर्किग साइट्स में गुजरता है।   पत्रिका में ये बात भी सामने आई की जो लोग अपना समय अधिकतर इन साइट्स में गुजरते है  वह धीरे २ वास्तिविकता से कट जाते है। और फिर अपना समय इन साइट्स में लगाना शुरू कर देते है।  अब उनकी वास्तविक पहचान मात्र इंटरनेट ही रह जाती है।   धीरे २ ये उन की एकाग्रता भंग करने लग जाती है।   उनका आधा धयान हमेशा फेसबुक और ट्विटर में ही लगा रहता है।   
      पत्रिका ने ये भी बताया की जो लोग ज्यादा दुखी और उदास होते है वही इन का अधिक प्रयोग करते है।   कई बार तो ये इन साइट्स के माध्यम से खुद को खुश दिखाते है।  जो बहुत अधिक इन का शिकार हो जाते है वो तो स्वयं को किसी ऐतिहासिक फ़िल्म के महानायक की तरा दिखाने से भी नहीं हिचकिचादे। 

    वर्त्तमान समय में हमें इस समस्या पर गोर देने की आवश्यक है।   क्या आप भी कही इसका शिकार.......................................! 

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